Zubeen Garg | India’s Most Fearless Singer | भारत के सबसे निडर गायक की अनसुनी सच्चाई!

Zubeen Garg : आसाम के एक सच्चे लोकनायक (The Real Hero of Assam)
जुबीन गर्ग आसाम के एक ऐसे महान गायक थे जो सिर्फ अपने गानों की वजह से नहीं, बल्कि लोगों के लिए खड़े होने की वजह से लाखों दिलों में बस गए थे।
एक ऐसे देश में जहां ज्यादातर बॉलीवुड सेलिब्रिटीज सत्ता और पैसे के गुलाम बने फिरते हैं। वहां बहुत कम स्टार्स ऐसे होते हैं जो ना सिर्फ सिस्टम के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत रखते हैं बल्कि उसके खिलाफ बगावत करना चुनते हैं। जुबीन गर्ग उन्हीं कुछ बागियों में से एक थे। आसाम में दोस्तों 19 सितंबर 2025 का दिन हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया है। उस दिन समुद्र की लहरों ने सिर्फ एक इंसान को ही नहीं बल्कि एक पूरी पीढ़ी की आवाज को अपने अंदर समा लिया।
जुबीन गर्ग का नाम, हर गली नुक्कड़, हर त्यौहार, हर दिल की धड़कन में बसा था। जैसे ही जुबीन गर्ग की मौत की खबर आई, पूरा आसाम थम गया। कॉलेज स्टूडेंट से लेकर सिक्योरिटी में तैनात पुलिसमैन, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरर से लेकर ऑफिस जाने वाले लोग कोई भी अपने आंसुओं को रोक नहीं पाया। ऑफिसेस बंद हो गए। सरकार को तीन दिन की ऑफिशियल मॉर्निंग अनाउंस करनी पड़ी। और जब जुबीन की बॉडी आसाम पहुंची तो इसकी एक झलक पाने के लिए लाखों लोग सड़कों पर आ गए
23 सितंबर को इनके अंतिम संस्कार में भारत के इतिहास में रिकॉर्ड ब्रेकिंग भीड़ देखने को मिली। इतनी संख्या में लोग आए थे। किसी ने यह एक्सपेक्ट नहीं किया था। अगर आप आसाम से नहीं है तो आपके मन में सवाल उठेगा क्यों? आखिर एक सिंगर की मौत पर पूरा राज्य क्यों ठहर गया? इसका जवाब है दोस्तों क्योंकि जुबीन सिर्फ एक सिंगर नहीं थे।
1. संगीत और उम्मीद (Music and Hope : Zubeen Garg )
Zubeen Garg ने तब गाना शुरू किया जब आसाम में हिंसा और निराशा का माहौल था। 1992 में उनकी पहली रॉक एल्बम ‘अनामिका’ आई, जो तुरंत हिट हो गई।
उनके गानों ने आसाम के युवाओं में प्यार, उम्मीद और अपनी संस्कृति पर गर्व करने की भावना जगाई।
उन्होंने लगभग 40 भाषाओं में 38,000 से ज़्यादा गाने गाए, जिनमें 2006 की बॉलीवुड फिल्म ‘गैंगस्टर’ का हिट गाना ‘या अली’ भी शामिल है।
जब उनका बॉलीवुड करियर सबसे ऊँचाई पर था, तो वह मुंबई छोड़कर वापस आसाम आ गए, क्योंकि उनका मानना था कि एक “राजा को अपना राज्य नहीं छोड़ना चाहिए।”
2. लोगों के हीरो (The People’s Hero Zubeen Garg )
जुबीन सिर्फ़ स्टेज पर ही नहीं, बल्कि सड़क पर भी लोगों के साथ रहते थे। वह मज़दूरों, सब्ज़ीवालों और आम लोगों के साथ बैठकर खाना खाते थे।
उन्होंने अपने जीवन में हज़ारों परिवारों की मदद की—चाहे वह स्कूल की फीस हो, मेडिकल इलाज हो, या शादी-फ्यूनरल का ख़र्च।
जब भी आसाम में बाढ़ आती, वह खुद लोगों के बीच पहुँचकर मदद और राहत सामग्री इकट्ठा करते थे।
कोविड-19 महामारी के दौरान, उन्होंने अपने दो मंज़िला घर को कोविड केयर सेंटर बनाने का ऑफ़र दिया था।
3. निडर बागी (The Fearless Rebel Zubeen Garg )
Zubeen Garg एक बागी (Rebel) थे, जो किसी भी सत्ता या नेता से डरते नहीं थे। वह हमेशा कमज़ोरों के लिए और सही बात के लिए आवाज़ उठाते थे।
उन्होंने खुलकर जाति व्यवस्था और अंधविश्वास (जैसे जानवरों की बलि) का विरोध किया।
Zubeen Garg CAA (नागरिकता संशोधन कानून) के खिलाफ होने वाले प्रोटेस्ट में सबसे आगे थे और उन्होंने कहा था कि वह इसे आसाम में लागू नहीं होने देंगे।
उन्होंने विकास के नाम पर पेड़ काटने की सरकारी योजना का भी विरोध किया और उसे रुकवाया।
जुबीन गर्ग की मौत पर पूरा आसाम थम गया और लाखों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। जुबीन ने अपने संगीत और अपने काम से यह साबित किया कि एक सच्चे कलाकार को सत्ता या पैसों के लालच में नहीं झुकना चाहिए, बल्कि हमेशा अपने लोगों के साथ खड़ा रहना चाहिए। यही कारण है कि जुबीन गर्ग आसाम के लोगों के लिए हमेशा एक प्रेरणा बने रहेंगे।
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