
BSP Rally Lucknow : कांशीराम की पुण्यतिथि पर आज राजधानी लखनऊ में बसपा की बड़ी रैली निकाली गयी। मायावती की ये रैली पिछली सारी रैलियों से अलग थी। इस रैली में मायावती जी ने वादा किया इस बार वो चुनाव में जी जान लगा देंगी। साथ ही पर्चे पर लिखे भाषण की जगह कई बार कार्यकर्ताओं से बात करती नजर आईं।
BSP Rally Lucknow में जबरदस्त भीड़ उमड़ी
कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर कांशीराम स्मारक पार्क में बुलाई गई रैली में जबरदस्त भीड़ उमड़ी। केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, पड़ोस के कुछ अन्य राज्यों के बीएसपी समर्थक भी इस रैली में शामिल हुए। मंच से मायावती ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। वहीं, बीजेपी को लेकर एक बार फिर मायावती का नरम रुख दिखाई दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने एक फैसले पर पीएम नरेंद्र मोदी को अपना समर्थन भी दिया।
मायावती ने कहा की हमारी पार्टी केंद्र के इस फैसले का स्वागत करेगी।
BSP Rally Lucknow में मायावती ने अपनी रैली में कहा, ‘जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई महिलाओं के सिंदूर उजड़ गए, जो बेहद दुखद है। अगर वहां पहले से सुरक्षा के इंतजाम किए गए होते, तो इस हमले को रोका जा सकता था। इसके साथ ही हमारी विदेश नीति भी जनहित में होनी चाहिए। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने जो टैरिफ लगाया है, उससे भी केंद्र सरकार को सचेत रहने की जरूरत है। हाल ही में केंद्र सरकार ने स्वदेशी को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर होने की बात कही है, अगर ये फैसला हवा-हवाई साबित नहीं होता है, तो हमारी पार्टी केंद्र के इस फैसले का स्वागत करेगी।’
BSP Rally Lucknow में मायावती ने यह भी कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव में वह किसी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। 1993 और 1996 के चुनावों का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि जब-जब बीएसपी ने दूसरे दलों के साथ गठबंधन किया है, तो पार्टी की सीटें भी घटीं और वोट शेयर भी कम हुआ। मायावती ने कहा कि गठबंधन में बीएसपी का वोट तो दूसरे दलों को ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन सवर्ण समाज का वोट उनकी पार्टी को नहीं मिलता। इसलिए, 2027 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी अकेले ही मैदान में उतरेंगी
पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए: मायावती
राष्ट्रीय राजनीति में एक वक्त पर बहुजन समाज पार्टी की गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती थी, लेकिन गुजरते वक्त के साथ बसपा राष्ट्रीय राजनीति से जैसे गायब ही हो गई. समय के साथ पार्टी का प्रभाव धीरे-धीरे सिमटता गया. लोकसभा और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में लगातार झटकों ने बसपा को हाशिए पर ला खड़ा किया. हालांकि गुरुवार को लखनऊ में हुई मायावती की रैली में उमड़ी भारी भीड़ ने न सिर्फ पार्टी को नई ऊर्जा दी, बल्कि मायावती के आत्मविश्वास को भी फिर से जगा दिया है. यह भीड़ बताती है कि बसपा का जादू कायम है.
लखनऊ रैली ने बसपा की उम्मीदों को जिंदा रखा है. दलित वोटों के बड़े हिस्से पर कभी बसपा का कब्जा था. यह वोट बैंक छिटका तो पार्टी न लोकसभा में और न ही उत्तर प्रदेश विधानसभा में अपने लिए जमीन तलाश सकी. हालांकि बसपा और मायावती पर दलितों का विश्वास कम नहीं हुआ है. दलितों के लिए आज भी मायावती बड़ी नेता हैं. यही कारण है कि लखनऊ रैली में जिस उत्साह से दलित सम्मिलित हुए हैं, उसने मायावती को भी लंबे वक्त बाद किसी राजनीतिक मंच पर खुश होने का मौका दे दिया है.
दिहाड़ी पर नहीं लाया गया है: मायावती
बसपा ने रैली में उमड़ी भीड़ को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है, जिसमें मायावती ने कहा, “भीड़ के मामले में आज अपने खुद के भी अपने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है.”
“ये जो लाखों – लाखों की संख्या मे लोग आये हुए है तो इनको यहाँ दूसरी पार्टियो की तरह मजदूरी देकर दिहाड़ी पर नहीं लाया गया है
बल्कि ये लोग अपने खून पसीने की कमाई के पैसों से ही खुद चलकर आज के अपने 9 अक्टूबर के प्रोग्राम में मुझे सुनने के लिए आये है।”
~ आदरणीय बहन कु• मायावती जी pic.twitter.com/THIeKTXd7a
— BSP (@Bsp4u) October 9, 2025
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